तू मेरे कदमों के निशान पर अपना नाम लगाती चल, सुबह शाम सजाती चल।
तू परछाई मेरी ओढकर खुदको छुपाती चल, धूप से खुदको बचाती चल।।
तू जी ले मुझमें डूबकर, भीतर मेरे धड़कते पल, मुस्कुराहटें उड़ाती चल।
तू बसा ले मुझमें बस्तियां, सजा ले महफिलें तरल, सिलसिले हर आज कल।।
तू परछाई मेरी ओढकर खुदको छुपाती चल, धूप से खुदको बचाती चल।।
तू जी ले मुझमें डूबकर, भीतर मेरे धड़कते पल, मुस्कुराहटें उड़ाती चल।
तू बसा ले मुझमें बस्तियां, सजा ले महफिलें तरल, सिलसिले हर आज कल।।
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